शंघाई सहयोग संगठन क्या है, इसका विकास कैसे हुआ और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
Shanghai Cooperation Organization |
What is SCO, how did it develop and why is it important?
भारत सरकार ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) के सदस्य देशों के मंत्रियों की 8वीं बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।
इस बैठक की अध्यक्षता रूस ने की।
सदस्य देशों के परिवहन मंत्रालयों & विभागों के स्तर पर कार्रवाइयों की आवश्यकता के बारे में बात की गई ताकि कोविड-19 महामारी जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में स्थायी परिवहन संचालन सुनिश्चित किया जा सके और सीमा क्षेत्रों में आपातकालीन स्थितियों के प्रसार को रोका जा सके।
Shanghai Cooperation Organization क्या है ?
शंघाई सहयोग संगठन एक राजनैतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग संगठन है जिसकी शुरुआत चीन और रूस के नेतृत्व में यूरेशियाई देशों ने की थी। दरअसल इसकी शुरुआत चीन के अतिरिक्त उन चार देशों से हुई थी जिनकी सीमाएँ चीन से मिलती थीं अर्थात् रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और तजाकिस्तान। इसलिए इस संघठन का प्राथमिक उद्देश्य था कि चीन के अपने इन पड़ोसी देशों के साथ चल रहे सीमा-विवाद का हल निकालना। इन्होंने अप्रैल 1996 में शंघाई में एक बैठक की। इस बैठक में ये सभी देश एक-दूसरे के बीच नस्ली और धार्मिक तनावों को दूर करने के लिए आपस में सहयोग करने पर राजी हुए। इस सम्मेलन को शंघाई 5 कहा गया।
इसके बाद 2001 में शंघाई 5 में उज्बेकिस्तान भी शामिल हो गया। 15 जून 2001 को शंघाई सहयोग संगठन की औपचारिक स्थापना हुई।
SCO के मुख्य उद्देश्य
- सदस्यों के बीच राजनैतिक, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाना।
- तकनीकी और विज्ञान क्षेत्र, शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र, ऊर्जा, यातायात और पर्यटन के क्षेत्र में आपसी सहयोग करना।
- पर्यावरण का संरक्षण करना।
- मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक-दूसरे को सहयोग करना।
- आंतकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और साइबर सुरक्षा के खतरों से निपटना।
SCO का विकास कैसे हुआ ?
- 2005 में kazaksthan के अस्ताना में हुए SCO के सम्मेलन में India, Iran, Mongolia और Pakistan के प्रतिनिधियों ने पहली बार इसमें हिस्सा लिया।
- 2016 तक भारत SCO में एक पर्यवेक्षक देश के रूप में सम्मिलित था।
- भारत ने सितम्बर 2014 में शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता के लिए आवेदन किया।
- जून 2017 में अस्ताना में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को भी औपचारिक तौर पर पूर्ण सदस्यता प्रदान की गई।
- वर्तमान में SCO की स्थाईसदस्य देशों की संख्या 8 है – China, Russia, Tajikistan Kyrgystan, Uzbekistan भारत और पाकिस्तान।
- जबकि चार देश इसके पर्यवेक्षक (observer countries) हैं – Afghanistan, Belarus, Iran और Mongolia।
- इसके अलावा SCO में छह देश डायलॉग पार्टनर (dialogue partners) हैं – Azerbaijan, Armenia, Combodia, Nepal, Turkey और Srilanka।