Foreigners Detention Centers in India
विदेशी बंदी केंद्र (foreigners Detention Center)
source- google maps |
1.चर्चा में क्यों ?
2.बंदी केन्द्र क्या होते हैं ?
3.क्या भारत में बंदी केंद्र हैं ?
4.असम बंदी केंद्र कैसे स्थापित हुए थे ?
5.आदर्श बंदी केंद्र हस्तक
6.वर्तमान में बंदी केन्द्रों (DETENTION CAMPS) की चर्चा क्यों हो रही है ?
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम सरकार को निर्देश दिया कि वह विदेशी बंदी केंद्र (foreigners Detention Centre) को जेल के बाहर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए।
बंदी केन्द्र क्या होते हैं ?
बंदी केन्द्र उन स्थानों को कहते हैं जहाँ बिना आवश्यक प्रलेख के देश में घुस आये अवैध आव्रजकों को तब तक रखा जाता है जब तक कि उनकी राष्ट्रीयता की सम्पुष्टि नहीं होती अथवा उनको उनके मूल देश को भेज नहीं दिया जाता।
क्या भारत में बंदी केंद्र हैं ?
बंदी केन्द्र उन स्थानों को कहते हैं जहाँ बिना आवश्यक प्रलेख के देश में घुस आये अवैध आव्रजकों को तब तक रखा जाता है जब तक कि उनकी राष्ट्रीयता की सम्पुष्टि नहीं होती अथवा उनको उनके मूल देश को भेज नहीं दिया जाता।
भारत सरकार ने असम में बंदी केन्द्रों की स्थापना के लिए वहाँ की सरकार को विदेशी अधिनियम 1946 के अनुभाग 3(2)(e) एवं विदेशी आदेश, 1948 के अनुच्छेद 11(2) के अंतर्गत अनुमति दी थी।
आदर्श बंदी केंद्र हस्तक (MODEL DETENTION CENTRES MANUAL)
ऐसे बंदी केंद्र किस प्रकार चलाये जाएँ इसके लिए भारत सरकार ने एक हस्तक (manual) भी तैयार किया है जिसे सभी राज्यों को परिचालित किया जा चुका है।
इस हस्तक के मुख्य निर्देश निम्नलिखित हैं
ऐसे केन्द्रों की स्थापना के लिए राज्यों को केंद्र से कोई विशेष अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
ये केंद्र जेल परिसर से बाहर स्थापित होने चाहिएँ।
कितने केंद्र बनें और उनका आकार क्या हो, इस विषय में राज्य स्वयं निर्णय लें। इसके लिए उन्हें उन विदेशियों की संख्या तथा उनको उनके मूल देश में भेजने की कार्यवाही में होने वाली प्रगति को ध्यान में रखना होगा।
आजकल बंदी केन्द्रों (DETENTION CAMPS) की चर्चा क्यों हो रही है ?
आजकल राष्ट्रीय नागरिक पंजी चर्चा में है। इस कारण बंदी केन्द्रों की चर्चा भी हो रही है। ऐसा विशेषकर इसलिए हो रहा है कि पिछले दिनों असम राज्य में 19 लाख ऐसे जन पाए गये थे जिनके पास नागरिकता के उपयुक्त प्रलेख नहीं हैं।